वृद्धि (Growth) और विकास (Development) दोनों ही मनोविज्ञान और शारीरिक विज्ञान के महत्वपूर्ण विषय हैं, लेकिन दोनों के अर्थ और प्रक्रियाएं भिन्न होती हैं। अक्सर इन दोनों शब्दों का एक ही अर्थ में प्रयोग किया जाता है, लेकिन शारीरिक और मानसिक प्रक्रिया के संदर्भ में दोनों के बीच कई महत्वपूर्ण अंतर होते हैं।
क) परिभाषा:
- वृद्धि को शारीरिक परिवर्तन के रूप में समझा जाता है। यह आकार, लंबाई, वजन, मांसपेशियों के विकास, और शारीरिक अंगों के विस्तार से संबंधित होता है।
- विकास एक व्यापक अवधारणा है जो व्यक्ति की मानसिक, भावनात्मक, सामाजिक, और बौद्धिक क्षमताओं में सुधार को संदर्भित करती है। विकास केवल शारीरिक वृद्धि तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें व्यक्ति की सोचने की क्षमता, सामाजिक और भावनात्मक संबंध, और बौद्धिक प्रगति भी शामिल होती है।
ख) समय की अवधि:
- वृद्धि एक सीमित समय की प्रक्रिया होती है। उदाहरण के लिए, शारीरिक वृद्धि का अधिकतर हिस्सा बचपन और किशोरावस्था के दौरान होता है, लेकिन एक समय के बाद यह रुक जाती है।
- विकास जीवन भर चलने वाली प्रक्रिया है। व्यक्ति अपने जीवन के हर चरण में मानसिक, भावनात्मक, और सामाजिक रूप से विकसित होता रहता है।
ग) मापने योग्य:
- वृद्धि मापने योग्य होती है। इसका मूल्यांकन वजन, लंबाई, और शरीर के आकार के आधार पर किया जा सकता है।
- विकास को प्रत्यक्ष रूप से मापा नहीं जा सकता, क्योंकि यह मानसिक और भावनात्मक परिवर्तन का परिणाम होता है। इसके लिए व्यवहार, बुद्धिमत्ता, और सामाजिक कौशलों का अध्ययन किया जाता है।
घ) कारण:
- वृद्धि का मुख्य कारण शारीरिक कारक होते हैं, जैसे कि आहार, आनुवंशिकता, और स्वास्थ्य।
- विकास मानसिक, सामाजिक, और भावनात्मक कारकों पर निर्भर करता है, जैसे कि शिक्षा, पारिवारिक वातावरण, और सांस्कृतिक प्रभाव।
ङ) स्वभाव:
- वृद्धि केवल शारीरिक रूप से सीमित होती है, और इसका अंत किशोरावस्था के बाद हो जाता है।
- विकास व्यापक और बहुआयामी होता है, जिसमें व्यक्ति की मानसिक, भावनात्मक, और सामाजिक क्षमताओं में निरंतर सुधार होता है।
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