मापन में होने वाली त्रुटियाँ
मापन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, लेकिन इस प्रक्रिया में विभिन्न प्रकार की त्रुटियाँ उत्पन्न हो सकती हैं, जो परिणामों की सटीकता और विश्वसनीयता को प्रभावित कर सकती हैं। यहाँ कुछ प्रमुख त्रुटियों का वर्णन किया गया है:
1. प्रणालीगत त्रुटियाँ (Systematic Errors): ये त्रुटियाँ मापन उपकरण या प्रक्रिया की प्रकृति से उत्पन्न होती हैं। उदाहरण के लिए, यदि एक तराजू गलत तरीके से कैलिब्रेट किया गया है, तो सभी माप एक निश्चित मात्रा में गलत होंगे। ऐसी त्रुटियाँ बार-बार होती हैं और इन्हें नियंत्रित किया जा सकता है।
2. संयोगात्मक त्रुटियाँ (Random Errors): ये त्रुटियाँ आकस्मिक कारकों के कारण होती हैं, जैसे मापन के समय वातावरण की स्थिति, मनोवैज्ञानिक कारक या मापने वाले व्यक्ति की स्थिति। ये त्रुटियाँ एक बार होती हैं और विभिन्न मापों में भिन्नता उत्पन्न कर सकती हैं।
3. प्रयोगात्मक त्रुटियाँ (Experimental Errors): ये त्रुटियाँ प्रयोग की प्रक्रिया में होती हैं, जैसे कि मापन के समय तकनीकी गलतियाँ, गलत मापने की विधियाँ, या मापने वाले उपकरणों की खराबी। ये त्रुटियाँ माप के परिणाम को सीधे प्रभावित कर सकती हैं।
4. संदर्भ त्रुटियाँ (Contextual Errors): ये त्रुटियाँ उस संदर्भ या माहौल से संबंधित होती हैं, जिसमें मापन किया जा रहा है। जैसे, किसी छात्र की परीक्षा का परिणाम उस दिन की स्थिति या तनाव के कारण प्रभावित हो सकता है।
5. मापने की तकनीकी त्रुटियाँ (Measurement Technique Errors): यदि मापने की विधि गलत या अप्रचलित है, तो परिणाम भी गलत होंगे। जैसे, यदि प्रश्नपत्र में गड़बड़ी है या प्रश्नों का स्तर उचित नहीं है।
6. ध्यान केंद्रित करने की त्रुटियाँ (Attention Errors): मापन के दौरान, यदि मापने वाला व्यक्ति ध्यान नहीं दे रहा है या विचलित है, तो माप में त्रुटियाँ हो सकती हैं।
इन त्रुटियों का ध्यान रखते हुए, मापन की प्रक्रिया में सावधानी बरतना आवश्यक है। सटीकता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न तकनीकों और उपायों का उपयोग करना चाहिए, जैसे कि उपकरणों की नियमित जांच, विभिन्न मापन विधियों का प्रयोग, और डेटा का पुनर्मूल्यांकन करना।
Subscribe on YouTube - NotesWorld
For PDF copy of Solved Assignment
Any University Assignment Solution