क्षेत्रीय शिक्षा महाविद्यालय मैसूर द्वारा दिए गए ज्ञानात्मक क्षेत्र के उद्देश्यों
क्षेत्रीय शिक्षा महाविद्यालय, मैसूर ने ज्ञानात्मक क्षेत्र के उद्देश्यों को निर्धारित किया है, जो विद्यार्थियों के बौद्धिक विकास और ज्ञान की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण हैं। ज्ञानात्मक क्षेत्र का उद्देश्य केवल ज्ञान की अधिग्रहण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह विद्यार्थियों के विचार, समझ, और आलोचनात्मक सोच को भी विकसित करने का प्रयास करता है।
1. ज्ञान का अधिग्रहण: विद्यार्थियों को विभिन्न विषयों में आवश्यक ज्ञान प्राप्त करना है, जिससे वे अपनी शैक्षणिक योग्यता में सुधार कर सकें। यह ज्ञान विभिन्न प्रकार की जानकारी, तथ्यों, सिद्धांतों और अवधारणाओं के रूप में होता है।
2. समझ और विश्लेषण: विद्यार्थियों को न केवल ज्ञान प्राप्त करना है, बल्कि उस ज्ञान को समझना और विश्लेषण करना भी आवश्यक है। वे विभिन्न अवधारणाओं को जोड़ने और उनके बीच संबंध स्थापित करने में सक्षम होने चाहिए।
3. समस्या समाधान कौशल: ज्ञानात्मक क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य यह है कि विद्यार्थी समस्या समाधान की प्रक्रिया को समझें। उन्हें विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करने के लिए आवश्यक सोचने की क्षमताओं को विकसित करना चाहिए।
4. आलोचनात्मक और रचनात्मक सोच: विद्यार्थियों को आलोचनात्मक और रचनात्मक सोच में सक्षम होना चाहिए। उन्हें ज्ञान को केवल ग्रहण करने के बजाय, उसे चुनौती देने और नए विचारों को विकसित करने की प्रेरणा मिलनी चाहिए।
5. ज्ञान का अनुप्रयोग: विद्यार्थी अपने ज्ञान को वास्तविक जीवन की परिस्थितियों में लागू करने में सक्षम होने चाहिए। यह उनके लिए महत्वपूर्ण है कि वे सिद्धांतों को व्यावहारिक समस्याओं के समाधान में प्रयोग कर सकें।
6. स्व-नियमन और आत्ममूल्यांकन: विद्यार्थियों को अपने ज्ञान और क्षमताओं का स्व-नियमन और आत्ममूल्यांकन करने की क्षमता विकसित करनी चाहिए। इससे उन्हें अपने शैक्षणिक विकास को समझने में मदद मिलेगी।
इस प्रकार, क्षेत्रीय शिक्षा महाविद्यालय, मैसूर द्वारा निर्धारित ज्ञानात्मक क्षेत्र के उद्देश्यों का लक्ष्य विद्यार्थियों को एक समग्र दृष्टिकोण से तैयार करना है, जो उन्हें शैक्षणिक और व्यावहारिक जीवन में सफल बनाने में सहायक है।
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