मानव अधिकार और पर्यावरण का आपस में गहरा संबंध है। मानव जीवन का अस्तित्व और विकास स्वस्थ और स्वच्छ पर्यावरण पर निर्भर करता है। इसीलिए, स्वच्छ और सुरक्षित पर्यावरण का अधिकार मानव अधिकारों का एक अभिन्न अंग माना जाता है। पर्यावरण से संबंधित अधिकार जीवन के अधिकार, स्वास्थ्य के अधिकार, और सम्मानजनक जीवन के अधिकार के साथ जुड़ा हुआ है।
जब पर्यावरण प्रदूषित होता है, तो इससे मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। प्रदूषित जल, वायु, और मिट्टी से नागरिकों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जिससे उनका जीवन प्रभावित होता है। ऐसे में, स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण की मांग नागरिकों का मौलिक अधिकार है।
वहीं, पर्यावरण संरक्षण न केवल मानव स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए आवश्यक है, बल्कि यह प्राकृतिक संसाधनों के न्यायसंगत उपयोग और भावी पीढ़ियों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। जब प्राकृतिक संसाधनों का दोहन अनुचित ढंग से किया जाता है, तो इससे पर्यावरण असंतुलन पैदा होता है और भावी पीढ़ियों के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
इसलिए, पर्यावरण के संरक्षण की दिशा में उठाए गए कदम जैसे वृक्षारोपण, जल-संरक्षण, और प्रदूषण-नियंत्रण कार्यक्रम भी मानव अधिकारों की सुरक्षा का हिस्सा हैं। वर्तमान में, विश्व स्तर पर पर्यावरणीय मुद्दों पर ध्यान दिया जा रहा है और स्वच्छ पर्यावरण को एक मानव अधिकार के रूप में मान्यता देने की दिशा में काम हो रहा है।
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