कार्यक्रमबद्ध/क्रमादेशित अनुदेशन (Programmed Instruction) एक शिक्षण विधि है, जिसमें छात्रों को स्वयं अपनी गति से जानकारी प्राप्त करने का अवसर मिलता है। इस विधि में पाठ्यक्रम को छोटे-छोटे हिस्सों में विभाजित किया जाता है और प्रत्येक हिस्से के बाद छात्र से प्रश्न पूछे जाते हैं, जिनका उत्तर सही देने पर ही वह अगले हिस्से में आगे बढ़ सकता है। यदि छात्र उत्तर गलत देता है, तो उसे सही उत्तर के साथ पुनः समझाया जाता है, ताकि वह उसे समझ सके। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि छात्र ने प्रत्येक चरण को पूरी तरह से समझा है, तभी वह अगले चरण पर जा सके।
कार्यक्रमबद्ध अनुदेशन का आधार यह है कि हर विद्यार्थी अपनी गति से सीख सकता है और स्वयं को जांच सकता है। यह शिक्षण विधि विशेष रूप से आत्मनिर्भर और व्यक्तिगत सीखने को बढ़ावा देती है। इसमें शिक्षक का भूमिका केवल मार्गदर्शक की होती है, क्योंकि विद्यार्थी अपने समय और गति के अनुसार सीखते हैं।
इसमें दो मुख्य घटक होते हैं:
- स्मार्ट स्टेप्स: पाठ्यक्रम को छोटे-छोटे हिस्सों में विभाजित किया जाता है ताकि छात्र एक बार में सिर्फ एक विषय या कौशल पर ध्यान केंद्रित कर सके।
- प्रतिक्रिया: छात्रों के उत्तरों पर तत्काल प्रतिक्रिया दी जाती है। सही उत्तर पर छात्र को प्रोत्साहन मिलता है और गलत उत्तर पर उसे सुधारने के लिए सही मार्गदर्शन दिया जाता है।
कार्यक्रमबद्ध अनुदेशन में स्व-नियमन महत्वपूर्ण होता है, यानी छात्र अपनी प्रगति पर स्वयं नियंत्रण रखते हैं। इस विधि के तहत छात्रों को पढ़ाई में रुचि बनाए रखने के लिए तुरंत फीडबैक मिलता है, जिससे सीखने की प्रक्रिया अधिक प्रभावी और दिलचस्प बनती है।
इस विधि का प्रमुख लाभ यह है कि यह विद्यार्थियों के सीखने के तरीके और गति के अनुसार ढल सकती है, जिससे हर विद्यार्थी की व्यक्तिगत आवश्यकता को ध्यान में रखा जा सकता है। साथ ही, यह छात्रों को आत्म-निर्भर बनाता है और उन्हें अपने शिक्षण में सक्रिय रूप से शामिल करता है।
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