स्वतंत्रता की परिभाषा
स्वतंत्रता (Liberty) एक ऐसी स्थिति है, जिसमें व्यक्ति बिना किसी बाधा, प्रतिबंध या दमन के अपनी इच्छानुसार कार्य कर सकता है। यह एक महत्वपूर्ण राजनीतिक और दार्शनिक अवधारणा है, जिसका अर्थ है व्यक्ति का अपनी विचारधारा, अभिव्यक्ति, और कार्यों पर अधिकार होना। स्वतंत्रता को सकारात्मक और नकारात्मक स्वतंत्रता के रूप में विभाजित किया जा सकता है।
सकारात्मक स्वतंत्रता:
यह स्वतंत्रता व्यक्ति को अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए आवश्यक साधन और अवसर प्रदान करती है। सकारात्मक स्वतंत्रता में व्यक्ति के लिए एक उचित सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक माहौल उपलब्ध कराया जाता है, ताकि वह अपनी क्षमताओं का विकास कर सके।
नकारात्मक स्वतंत्रता:
यह स्वतंत्रता व्यक्ति को बाधाओं और प्रतिबंधों से मुक्त रखती है। नकारात्मक स्वतंत्रता का मतलब यह है कि व्यक्ति को अपने कार्यों में बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप के स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने का अधिकार हो। इसका केंद्र बिंदु यह है कि व्यक्ति पर किसी तरह की अवांछनीय शक्ति न थोपी जाए।
स्वतंत्रता के महत्वपूर्ण पहलू:
- विचारों की स्वतंत्रता:स्वतंत्रता का अर्थ है कि व्यक्ति को अपने विचार प्रकट करने, चर्चा करने और अपनी सोच को व्यक्त करने का अधिकार होना चाहिए।
- धार्मिक स्वतंत्रता:व्यक्ति को अपनी धार्मिक मान्यताओं का पालन करने और उन्हें व्यक्त करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए।
- राजनीतिक स्वतंत्रता:व्यक्ति को सरकार के गठन, नीतियों के निर्माण, और राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने का अधिकार होना चाहिए।
- आर्थिक स्वतंत्रता:व्यक्ति को अपनी संपत्ति का स्वामित्व और उपयोग करने, व्यापार और व्यावसायिक गतिविधियों में भाग लेने की स्वतंत्रता होनी चाहिए।
स्वतंत्रता की सीमाएँ:
स्वतंत्रता का मतलब यह नहीं है कि व्यक्ति जो चाहे, वह कर सकता है। स्वतंत्रता समाज के नियमों और अन्य व्यक्तियों के अधिकारों के अनुरूप होनी चाहिए। जॉन स्टुअर्ट मिल ने स्वतंत्रता की सीमा तय करते हुए कहा कि "किसी व्यक्ति की स्वतंत्रता वहीं समाप्त होती है, जहाँ से दूसरे व्यक्ति की स्वतंत्रता शुरू होती है।"
Subscribe on YouTube - NotesWorld
For PDF copy of Solved Assignment
Any University Assignment Solution