स्मरण के प्रतिरूप
स्मरण (Memory) एक मानसिक प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से हम जानकारी को संग्रहित (encoding), संरक्षित (storage), और पुनः प्राप्त (retrieval) करते हैं। यह प्रक्रिया हमारे जीवन के हर पहलू में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, चाहे वह पढ़ाई हो, रोजमर्रा की गतिविधियाँ हों, या व्यक्तिगत अनुभव। स्मरण को समझने के लिए मनोवैज्ञानिकों ने कई प्रतिरूपों और सिद्धांतों को विकसित किया है, जो इस प्रक्रिया के विभिन्न चरणों और रूपों को स्पष्ट करते हैं।
1. संवेदी स्मृति (Sensory Memory)
संवेदी स्मृति वह प्रारंभिक चरण है, जिसमें हमारी इंद्रियां बाहरी वातावरण से प्राप्त जानकारी को मस्तिष्क तक पहुंचाती हैं। यह स्मृति अत्यधिक क्षणिक होती है और इसमें जानकारी कुछ सेकंड से भी कम समय तक संग्रहीत रहती है। यह प्रक्रिया हमारे पांच प्रमुख इंद्रिय प्रणालियों (दृष्टि, श्रवण, स्पर्श, स्वाद, और गंध) के माध्यम से होती है।
संवेदी स्मृति के दो प्रमुख प्रकार होते हैं:
- दृश्य संवेदी स्मृति (Iconic Memory): यह हमारी दृष्टि से संबंधित जानकारी को कुछ मिलीसेकंड तक संग्रहीत करती है।
- श्रव्य संवेदी स्मृति (Echoic Memory): यह हमारी सुनने की क्षमता से जुड़ी जानकारी को लगभग 3-4 सेकंड तक संग्रहित करती है।
संवेदी स्मृति का प्रमुख कार्य वह जानकारी प्रदान करना है, जिसे आगे की स्मृति प्रणालियों में संसाधित किया जा सके।
2. अल्पकालिक स्मृति (Short-Term Memory या Working Memory)
अल्पकालिक स्मृति वह प्रतिरूप है, जिसमें जानकारी कुछ सेकंड से लेकर कुछ मिनटों तक रहती है। इसमें जानकारी सीमित मात्रा में संग्रहीत की जाती है। यह स्मृति हमारे वर्तमान अनुभवों और सोचने की क्षमताओं से जुड़ी होती है। इसे "कार्यशील स्मृति" (Working Memory) भी कहा जाता है, क्योंकि यह मस्तिष्क के सक्रिय कार्यों में शामिल होती है, जैसे कि गणना करना, समस्या समाधान, और निर्णय लेना।
अल्पकालिक स्मृति में सीमित मात्रा में जानकारी संग्रहीत हो सकती है। एक सामान्य नियम के अनुसार, यह क्षमता लगभग 5-9 आइटम्स तक होती है। उदाहरण के लिए, जब हम किसी फोन नंबर को याद करते हैं, तो हम इसे अल्पकालिक स्मृति में रखते हैं, और यदि इसे बार-बार दोहराया नहीं जाता, तो यह जानकारी भूल सकती है।
3. दीर्घकालिक स्मृति (Long-Term Memory)
दीर्घकालिक स्मृति वह प्रतिरूप है, जिसमें जानकारी लंबे समय तक संग्रहीत रहती है। इसमें असीमित मात्रा में जानकारी संग्रहित की जा सकती है और इसे कई वर्षों तक या जीवन भर याद रखा जा सकता है। दीर्घकालिक स्मृति के दो प्रमुख प्रकार होते हैं:
घटना आधारित स्मृति (Episodic Memory): यह स्मृति हमारे व्यक्तिगत अनुभवों और घटनाओं से संबंधित होती है। इसमें विशेष स्थानों, घटनाओं, और समय की जानकारी संग्रहीत होती है। उदाहरण के लिए, आपके जन्मदिन का अनुभव या पहली बार स्कूल जाने की घटना इस प्रकार की स्मृति का हिस्सा हो सकती है।
तथ्य आधारित स्मृति (Semantic Memory): यह स्मृति सामान्य ज्ञान, तथ्यों और जानकारी से संबंधित होती है। उदाहरण के लिए, "भारत की राजधानी नई दिल्ली है" इस प्रकार की जानकारी दीर्घकालिक तथ्यात्मक स्मृति का हिस्सा है।
4. प्रक्रियात्मक स्मृति (Procedural Memory)
प्रक्रियात्मक स्मृति दीर्घकालिक स्मृति का ही एक विशेष प्रकार है, जो कौशल और प्रक्रियाओं से संबंधित होती है। यह हमें उन कार्यों को करने की अनुमति देती है जिन्हें हमने समय के साथ सीखा है, जैसे साइकिल चलाना, गाड़ी चलाना, या कंप्यूटर का उपयोग करना। यह स्मृति स्वचालित होती है और इसके लिए विशेष रूप से सचेत प्रयास की आवश्यकता नहीं होती।
5. पुनः प्राप्ति (Retrieval)
पुनः प्राप्ति वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा मस्तिष्क दीर्घकालिक स्मृति से जानकारी को वापस लाता है। यह प्रक्रिया तब होती है जब हम किसी पुरानी घटना को याद करते हैं या किसी तथ्य को याद करते हैं। पुनः प्राप्ति स्मृति की सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, क्योंकि यह हमारे अनुभवों और ज्ञान का उपयोग करने की अनुमति देती है।
निष्कर्ष
स्मरण के विभिन्न प्रतिरूपों का अध्ययन हमें यह समझने में मदद करता है कि हमारा मस्तिष्क जानकारी को कैसे संग्रहित और संरक्षित करता है। संवेदी स्मृति से लेकर दीर्घकालिक स्मृति तक की प्रक्रिया अत्यंत जटिल होती है, और यह हमारे सोचने, सीखने, और कार्य करने के हर पहलू में योगदान करती है।
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