विश्व व्यापार संगठन (WTO) 1995 में स्थापित एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है, जिसका मुख्य उद्देश्य वैश्विक व्यापार को सुविधाजनक बनाना और नियंत्रित करना है। इसके प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं:
1. व्यापार वार्ताएँ:
WTO विभिन्न सदस्य देशों के बीच व्यापारिक नीतियों और नियमों को निर्धारित करने के लिए वार्ताएँ आयोजित करता है। यह सदस्य देशों के बीच व्यापार की बाधाओं को कम करने और बाजारों तक पहुंच को बढ़ाने के लिए सहमतियों पर पहुँचने में मदद करता है।
2. व्यापार नियमों का पालन:
WTO वैश्विक व्यापार नियमों को स्थापित करता है और यह सुनिश्चित करता है कि सदस्य देश इन नियमों का पालन करें। इसका उद्देश्य व्यापार के दौरान अनुशासन और स्थिरता को बनाए रखना है।
3. विवाद निवारण:
WTO विवाद समाधान तंत्र प्रदान करता है, जिससे सदस्य देशों के बीच व्यापारिक विवादों को सुलझाया जा सकता है। यदि कोई सदस्य देश नियमों का उल्लंघन करता है, तो अन्य देश WTO के माध्यम से न्याय की मांग कर सकते हैं।
4. व्यापार नीतियों की निगरानी:
WTO सदस्य देशों की व्यापार नीतियों की नियमित समीक्षा करता है। यह सुनिश्चित करता है कि सदस्य देशों की नीतियाँ WTO के नियमों के अनुरूप हैं और वैश्विक व्यापार में अनुचित लाभ नहीं उठाया जा रहा है।
5. विकासशील देशों की सहायता:
WTO विकासशील देशों को तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण प्रदान करता है, ताकि वे वैश्विक बाजार में बेहतर प्रतिस्पर्धा कर सकें। यह उन्हें अपने व्यापारिक ढाँचे को सुधारने और विकास की दिशा में आगे बढ़ने में मदद करता है।
6. व्यापार जागरूकता:
WTO व्यापारिक मुद्दों पर शोध और विश्लेषण करता है, जिससे सदस्य देशों में व्यापार के प्रति जागरूकता और समझ बढ़ती है। यह वैश्विक आर्थिक स्थिति और व्यापारिक परिवर्तनों पर जानकारी भी प्रदान करता है।
इन कार्यों के माध्यम से, WTO वैश्विक व्यापार को सुगम और व्यवस्थित बनाता है, जिससे आर्थिक विकास और समृद्धि में वृद्धि होती है।
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