लीवरेज (Leverage) की परिभाषा:
लीवरेज (Leverage) एक वित्तीय अवधारणा है जिसका उपयोग तब किया जाता है जब कोई व्यवसाय या संगठन अपनी संपत्ति या परिचालन को बढ़ाने के लिए उधार लिए गए धन (Debt) का उपयोग करता है। लीवरेज का अर्थ यह होता है कि संगठन अपनी पूँजी संरचना में कुछ ऐसा अतिरिक्त जोखिम जोड़ रहा है जिससे उसे ज्यादा मुनाफा कमाने का मौका मिल सकता है। सरल शब्दों में, लीवरेज का मतलब है "उधारी पूँजी का उपयोग कर व्यवसाय के मुनाफे को बढ़ाना।"
लीवरेज का उपयोग किसी व्यवसाय में तब किया जाता है जब वह अपनी दीर्घकालिक वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ऋण का उपयोग करता है, जिससे अधिक पूँजी और संसाधनों के माध्यम से व्यवसाय का विस्तार किया जा सके। जब व्यवसाय में लीवरेज का इस्तेमाल सही ढंग से किया जाता है, तो यह व्यवसाय की लाभप्रदता और विकास को बढ़ा सकता है। हालाँकि, अगर लीवरेज का प्रयोग बिना सोच-समझ के किया जाता है, तो यह वित्तीय संकट का कारण भी बन सकता है।
लीवरेज के प्रकार:
लीवरेज को तीन प्रमुख श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है:
- वित्तीय लीवरेज (Financial Leverage)
- संचालन लीवरेज (Operating Leverage)
- संयुक्त लीवरेज (Combined Leverage)
1. वित्तीय लीवरेज (Financial Leverage):
वित्तीय लीवरेज तब होता है जब कोई कंपनी अपने सामान्य शेयरधारकों के मुनाफे को बढ़ाने के लिए बाहरी स्रोतों (ऋण, डिबेंचर, आदि) से वित्तीय संसाधनों का उपयोग करती है। कंपनी अपने फंडिंग की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ऋण पूँजी का उपयोग करती है, जिससे उसकी इक्विटी पूँजी के बजाय उधारी पूँजी से अधिक पूँजी जुटाई जाती है। इसके माध्यम से, कंपनी के मुनाफे पर प्रभाव पड़ता है, क्योंकि अगर कंपनी अच्छा मुनाफा कमाती है, तो उसे ब्याज भुगतान के बाद ज्यादा शुद्ध लाभ होता है।
वित्तीय लीवरेज का फॉर्मूला:
जहाँ,
- EBIT = Earnings Before Interest and Taxes (ब्याज और कर पूर्व आय)
- EBT = Earnings Before Tax (कर पूर्व आय)
लाभ:
- वित्तीय लीवरेज का उपयोग करने से शेयरधारकों के मुनाफे में वृद्धि होती है।
- यह कंपनियों को अपनी विस्तार योजनाओं के लिए अधिक पूँजी प्राप्त करने में मदद करता है।
- कर-कटौती योग्य होने के कारण, ऋण पर ब्याज का भुगतान कंपनी के लिए फायदेमंद होता है।
जोखिम:
- अधिक वित्तीय लीवरेज से ब्याज भुगतान का बोझ बढ़ता है, जिससे कंपनी को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ सकता है।
- अगर कंपनी को नुकसान होता है, तो उसे ब्याज का भुगतान करना कठिन हो सकता है, जिससे कंपनी की वित्तीय स्थिरता पर असर पड़ सकता है।
2. संचालन लीवरेज (Operating Leverage):
संचालन लीवरेज तब उत्पन्न होता है जब कोई व्यवसाय अपनी कुल लागत में स्थायी लागतों (Fixed Costs) का एक बड़ा हिस्सा रखता है। संचालन लीवरेज यह मापता है कि व्यापार की बिक्री में वृद्धि के परिणामस्वरूप व्यवसाय का संचालन लाभ (Operating Profit) कितना बढ़ेगा। यदि कंपनी की स्थायी लागतें अधिक हैं और उसकी बिक्री में मामूली वृद्धि होती है, तो उसके मुनाफे में अपेक्षाकृत अधिक वृद्धि होती है, जिससे कंपनी उच्च संचालन लीवरेज की स्थिति में होती है।
संचालन लीवरेज का फॉर्मूला:
उदाहरण: यदि किसी कंपनी की बिक्री में 10% की वृद्धि होती है, और उसका EBIT 20% बढ़ जाता है, तो इसका मतलब है कि संचालन लीवरेज प्रभावी है और कंपनी अधिक लाभ कमा रही है।
लाभ:
- संचालन लीवरेज से कंपनी की आय में वृद्धि होती है, खासकर तब जब कंपनी की स्थायी लागतें अधिक होती हैं।
- इससे कंपनी की बिक्री में मामूली वृद्धि होने पर लाभप्रदता में अधिक वृद्धि हो सकती है।
जोखिम:
- उच्च स्थायी लागतों के कारण अगर बिक्री घटती है, तो कंपनी को भारी नुकसान हो सकता है।
- संचालन लीवरेज का अधिक उपयोग व्यवसाय को अस्थिरता की स्थिति में ला सकता है।
3. संयुक्त लीवरेज (Combined Leverage):
संयुक्त लीवरेज तब उत्पन्न होता है जब कोई व्यवसाय दोनों प्रकार के लीवरेज (वित्तीय और संचालन) का संयोजन करके लाभप्रदता को बढ़ाता है। यह दोनों लीवरेजों के प्रभावों को मापता है, यानी व्यापार के लिए उसकी लागत संरचना और वित्तीय संरचना कितनी जोखिमपूर्ण है। संयुक्त लीवरेज से कंपनी को यह पता चलता है कि बिक्री में परिवर्तन से उसकी आय और मुनाफे पर क्या असर पड़ेगा।
संयुक्त लीवरेज का फॉर्मूला:
या,
लाभ:
- संयुक्त लीवरेज कंपनी को परिचालन और वित्तीय निर्णयों का व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करता है।
- इससे व्यवसाय की समग्र लाभप्रदता पर स्पष्ट प्रभाव का आकलन किया जा सकता है।
जोखिम:
- उच्च स्तर का संयुक्त लीवरेज कंपनी को उच्च जोखिम में डाल सकता है। अगर बिक्री में गिरावट होती है, तो कंपनी को भारी नुकसान हो सकता है।
- संयुक्त लीवरेज का अधिक प्रयोग कंपनी की वित्तीय स्थिति को अस्थिर बना सकता है।
लीवरेज के फायदे:
- मुनाफा बढ़ाने की क्षमता: लीवरेज का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे कंपनी के मुनाफे में वृद्धि हो सकती है। जब कंपनी उधार लिए गए धन का सही उपयोग करती है और मुनाफे में वृद्धि होती है, तो यह शेयरधारकों के लिए अधिक लाभदायक हो सकता है।
- वित्तीय स्वतंत्रता: लीवरेज का उपयोग कर व्यवसाय अपने मौजूदा संसाधनों के साथ अधिक वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त कर सकता है। यह उसे विकास और विस्तार के अवसरों का लाभ उठाने में मदद करता है।
- कर लाभ: वित्तीय लीवरेज का उपयोग कर कंपनी को ब्याज भुगतान पर कर में कटौती मिलती है, जो उसे कर दायित्वों से बचाने में मदद करती है।
लीवरेज के नुकसान:
- उच्च जोखिम: लीवरेज का उपयोग अधिक जोखिम भरा हो सकता है। अगर कंपनी को लाभ नहीं होता है, तो उसे ऋण चुकाने में कठिनाई हो सकती है, जिससे वित्तीय संकट उत्पन्न हो सकता है।
- ब्याज भुगतान का दबाव: वित्तीय लीवरेज में ब्याज भुगतान की आवश्यकता होती है, जो कंपनी के लिए एक अतिरिक्त वित्तीय बोझ हो सकता है। अगर कंपनी के पास पर्याप्त नकदी प्रवाह नहीं है, तो ब्याज भुगतान कठिन हो सकता है।
- अस्थिरता: लीवरेज का अधिक उपयोग कंपनी की आय और मुनाफे में अस्थिरता ला सकता है। संचालन और वित्तीय लागतों में मामूली बदलाव से भी कंपनी के मुनाफे में भारी गिरावट हो सकती है।
निष्कर्ष:
लीवरेज व्यवसाय के वित्तीय प्रबंधन में एक महत्वपूर्ण उपकरण है। इसका सही उपयोग व्यवसाय की वृद्धि और मुनाफे को बढ़ा सकता है, जबकि इसका गलत उपयोग वित्तीय संकट का कारण बन सकता है। संचालन, वित्तीय, और संयुक्त लीवरेज का समझदारी से उपयोग व्यवसाय को उसके लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद कर सकता है। हालाँकि, व्यवसाय को लीवरेज का उपयोग करते समय इसके संभावित जोखिमों और लाभों का संतुलित मूल्यांकन करना आवश्यक है।
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