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दीर्घकालिक वित्त के स्रोत क्या हैं?

दीर्घकालिक वित्त (Long-Term Finance) उन वित्तीय साधनों का मिश्रण है, जिन्हें कंपनियाँ अपनी दीर्घकालिक आवश्यकताओं, जैसे परियोजनाओं का विस्तार, पूँजीगत निवेश, या अन्य प्रमुख व्यय के लिए उपयोग करती हैं। दीर्घकालिक वित्त की परिपक्वता अवधि एक वर्ष से अधिक होती है, और इसे पाँच से बीस वर्षों या उससे भी अधिक समय तक के लिए उठाया जाता है।

दीर्घकालिक वित्त के प्रमुख स्रोत:

1. इक्विटी शेयर पूँजी (Equity Share Capital):

  • कंपनियाँ अपने दीर्घकालिक वित्त के लिए इक्विटी शेयर जारी कर सकती हैं। इससे कंपनियों को दीर्घकालिक पूँजी मिलती है, और इसके बदले में शेयरधारकों को कंपनी के मुनाफे में हिस्सा मिलता है।
  • यह वित्तीय स्रोत जोखिमपूर्ण होता है क्योंकि अगर कंपनी लाभ कमाती है तो ही शेयरधारकों को लाभांश मिलता है। हालांकि, इसके लिए कंपनियों को किसी भी प्रकार का ब्याज या मूलधन चुकाने की आवश्यकता नहीं होती है।

2. ऋण बांड (Debentures/Bonds):

  • कंपनियाँ ऋण बांड या डिबेंचर जारी करके दीर्घकालिक पूँजी जुटा सकती हैं। बांड धारकों को कंपनी की ओर से एक निश्चित ब्याज दर पर भुगतान किया जाता है, चाहे कंपनी लाभ में हो या नहीं।
  • यह कंपनियों के लिए कम लागत वाला वित्तीय साधन है, क्योंकि ब्याज का भुगतान कर-कटौती योग्य होता है। हालांकि, यह कंपनियों पर ब्याज और मूलधन चुकाने का दबाव भी डालता है।

3. बैंक ऋण (Bank Loans):

  • दीर्घकालिक बैंक ऋण कंपनियों के लिए एक प्रमुख वित्तीय स्रोत है। बैंक कंपनियों को विस्तारित अवधि के लिए पूँजी प्रदान करते हैं, जिसे विभिन्न किश्तों में चुकाया जाता है।
  • यह ऋण एक निश्चित ब्याज दर पर दिया जाता है और कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होता है कि वे समय पर भुगतान करें, अन्यथा उनकी क्रेडिट रेटिंग पर प्रभाव पड़ सकता है।

4. सार्वजनिक जमा (Public Deposits):

  • कुछ कंपनियाँ आम जनता से दीर्घकालिक जमा स्वीकार करती हैं, जिन्हें बाद में एक निश्चित ब्याज दर पर लौटाया जाता है। यह उन कंपनियों के लिए एक सरल और प्रभावी तरीका है जो निवेशकों से बिना बैंकों के माध्यम से सीधे पूँजी जुटाना चाहती हैं।

5. वित्तीय संस्थान (Financial Institutions):

  • विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थान जैसे IDBI, IFCI, और विश्व बैंक (World Bank) दीर्घकालिक वित्त प्रदान करते हैं। ये संस्थाएँ विभिन्न उद्योगों और बड़ी परियोजनाओं को समर्थन देने के लिए दीर्घकालिक वित्त उपलब्ध कराती हैं।

निष्कर्ष:

दीर्घकालिक वित्त के विभिन्न स्रोत कंपनियों को उनकी पूँजी आवश्यकताओं के अनुसार चुनने की स्वतंत्रता प्रदान करते हैं। इन स्रोतों का उचित संयोजन कंपनी की वित्तीय स्थिरता और विस्तार की संभावनाओं को बढ़ाता है।

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