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शहरीकरण के क्या प्रभाव पड़े?

शहरीकरण का मतलब है गांवों से लोगों का शहरों की ओर प्रवृत्त होना और शहरी जीवनशैली को अपनाना। यह एक सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रक्रिया है, जो औद्योगिकीकरण, शिक्षा, चिकित्सा सुविधाओं और रोजगार के अवसरों की उपलब्धता के कारण बढ़ी। शहरीकरण के कई प्रभाव होते हैं, जो समाज के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करते हैं।

1. आर्थिक प्रभाव:

शहरीकरण के कारण आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलता है। शहरों में उद्योग, व्यापार, सेवाएं और अन्य कई व्यवसायों के अवसर पैदा होते हैं, जिससे लोगों को रोजगार मिलता है। कृषि आधारित अर्थव्यवस्था से उद्योग और सेवा क्षेत्र की ओर बढ़ते हुए, शहरों में उत्पादन क्षमता बढ़ती है और देश की GDP (सकल घरेलू उत्पाद) में योगदान बढ़ता है।

2. सामाजिक प्रभाव:

शहरीकरण से समाज में वर्ग भेद की खाई और बढ़ सकती है। शहरों में अमीर और गरीब के बीच बड़ा अंतर दिखता है। हालांकि, शहरीकरण के साथ-साथ शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होता है, जो समाज के विभिन्न वर्गों के लिए अवसरों का निर्माण करता है। इसके साथ ही, पारंपरिक समाज की मान्यताएं और जीवनशैली बदल जाती हैं, जिससे नए विचार और संस्कृतियां उत्पन्न होती हैं।

3. पर्यावरणीय प्रभाव:

शहरीकरण का सबसे बड़ा नकारात्मक प्रभाव पर्यावरण पर पड़ता है। बढ़ती जनसंख्या, औद्योगिकीकरण और निर्माण कार्यों के कारण वनों की कटाई, जलवायु परिवर्तन, वायु और जल प्रदूषण जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। प्राकृतिक संसाधनों की अत्यधिक खपत और कचरे का निस्तारण भी एक बड़ी समस्या बन जाती है।

4. संस्कृतिक प्रभाव:

शहरीकरण से सांस्कृतिक विविधता में वृद्धि होती है। लोग विभिन्न स्थानों और पृष्ठभूमियों से शहरों में आते हैं, जिससे नए विचार, रीति-रिवाज और पारंपरिक तत्व एक-दूसरे के साथ मिश्रित होते हैं। हालांकि, इससे पारंपरिक संस्कृतियों का क्षय भी हो सकता है। छोटे गांवों की संस्कृति और लोक जीवन शहरीकरण के साथ कमजोर हो सकती है।

5. स्वास्थ्य प्रभाव:

शहरीकरण से चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता में सुधार होता है। शहरों में अस्पताल, स्वास्थ्य केंद्र, और चिकित्सा सेवाएं बेहतर होती हैं, जिससे लोग बेहतर इलाज प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि, शहरी जीवन के तनाव, प्रदूषण, और अस्वास्थ्यकर जीवनशैली के कारण स्वास्थ्य समस्याएं भी बढ़ सकती हैं।

6. शहरी गरीबी और बस्तियां:

शहरीकरण के परिणामस्वरूप गरीब वर्ग के लोग शहरों में बसने के लिए आते हैं, लेकिन उन्हें गुणवत्तापूर्ण जीवन की सुविधाएं नहीं मिल पातीं। इस कारण शहरों में झुग्गी-झोपड़ियों और अव्यवस्थित बस्तियों का निर्माण होता है। इन बस्तियों में स्वास्थ्य और सफाई की खराब स्थिति, शिक्षा का अभाव, और बेरोजगारी जैसी समस्याएं सामने आती हैं।

निष्कर्ष:

शहरीकरण के अनेक सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव होते हैं। जहां एक ओर यह आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से विकास को बढ़ावा देता है, वहीं यह पर्यावरण, पारंपरिक संस्कृतियों और सामाजिक विषमताओं को भी प्रभावित करता है। शहरीकरण को संतुलित और योजनाबद्ध तरीके से लागू करना जरूरी है, ताकि इसके लाभ अधिकतम और नुकसान न्यूनतम हो सकें।

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