माध्यमिक स्तर पर गद्य शिक्षण का उद्देश्य विद्यार्थियों को भाषा, साहित्य, और समाज के गहरे अर्थों को समझाने के साथ-साथ उनकी संप्रेषण क्षमता, आलोचनात्मक सोच, और अभिव्यक्ति कौशल को विकसित करना है। गद्य शिक्षण के माध्यम से विद्यार्थियों में साहित्यिक रुचि जागृत करना और उनके चरित्र निर्माण में योगदान करना भी एक प्रमुख उद्देश्य है।
गद्य शिक्षण का पहला उद्देश्य भाषा की समझ को मजबूत करना है। इस स्तर पर विद्यार्थी गद्य के विभिन्न प्रकारों, जैसे निबंध, कहानी, यात्रा-वृत्तांत, और व्याख्यान को पढ़ते हैं, जिससे उनकी शब्दावली में विस्तार होता है और भाषा पर पकड़ मजबूत होती है। गद्य पाठ उन्हें भाषा के व्याकरण, वाक्य-विन्यास, और शैली की विविधताओं को समझने में सहायक होते हैं, जो उन्हें प्रभावी ढंग से लिखने और बोलने में सक्षम बनाते हैं।
दूसरा महत्वपूर्ण उद्देश्य साहित्यिक समझ विकसित करना है। माध्यमिक स्तर पर गद्य के माध्यम से विभिन्न विषयों और मानवीय संवेदनाओं की अभिव्यक्ति को समझने का अवसर मिलता है। विद्यार्थी साहित्य के विविध रंगों, यथार्थ और कल्पना, समाज के विभिन्न पहलुओं, और मानवीय मूल्यों से रूबरू होते हैं। यह उनकी कल्पनाशक्ति और संवेदनशीलता को विकसित करता है।
तीसरा उद्देश्य आलोचनात्मक सोच को बढ़ावा देना है। गद्य शिक्षण विद्यार्थियों को पाठ की गहरी समझ प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है, जिससे वे किसी विषय पर अपने विचारों का विश्लेषण कर सकते हैं। यह उन्हें समाज की समस्याओं, सामाजिक न्याय, और नैतिकता के विभिन्न पहलुओं पर सोचने और अपने विचार व्यक्त करने का अवसर देता है।
अंततः गद्य शिक्षण का उद्देश्य विद्यार्थियों में सांस्कृतिक और सामाजिक चेतना जागृत करना भी है। वे भारतीय संस्कृति, परंपराओं और समाज के विभिन्न पहलुओं को जान पाते हैं, जिससे उनका व्यक्तित्व विकास होता है। इस प्रकार, माध्यमिक स्तर पर गद्य शिक्षण विद्यार्थियों की भाषा कौशल, साहित्यिक समझ, और नैतिक मूल्यों को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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