Type Here to Get Search Results !

Hollywood Movies

Solved Assignment PDF

Buy NIOS Solved Assignment 2025!

‘कर्मनाशा की हार‘ कहानी का सारांश बताते हुए उसका प्रतिपाद्य स्पष्ट कीजिए।

 ‘कर्मनाशा की हार’ कहानी का सारांश और प्रतिपाद्य

‘कर्मनाशा की हार’ हिंदी साहित्य के प्रमुख लेखक प्रेमचंद द्वारा लिखी गई एक महत्वपूर्ण कहानी है, जो मानव जीवन के कर्म और उनके परिणामों के बारे में गहन विचार प्रस्तुत करती है।

कहानी की मुख्यधारा एक गरीब किसान, गंगा, के जीवन के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपनी फसल के लिए संघर्ष कर रहा है। गंगा का जीवन कठिनाईयों से भरा हुआ है, और वह अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए लगातार मेहनत करता है। कहानी में दिखाया गया है कि कैसे गंगा अपनी मेहनत और साधनों के बावजूद अपने जीवन की परिस्थितियों से जूझता है।

गंगा की किस्मत उस समय और अधिक बुरी हो जाती है जब एक बाढ़ उसके खेतों को तबाह कर देती है। इसके परिणामस्वरूप, उसकी मेहनत और उम्मीदें चूर-चूर हो जाती हैं। कहानी में गंगा का संघर्ष और उसकी निराशा को प्रभावी ढंग से दर्शाया गया है। जब गंगा अपने कठिन समय का सामना करता है, तब वह यह महसूस करता है कि उसकी मेहनत और कर्म का कोई मूल्य नहीं रह जाता।

कहानी का प्रतिपाद्य यह है कि मनुष्य के कर्म और उसकी स्थिति के बीच गहरा संबंध होता है, लेकिन कभी-कभी परिस्थितियाँ उसके नियंत्रण से बाहर होती हैं। प्रेमचंद ने यह संदेश दिया है कि जीवन में कड़ी मेहनत और प्रयास करना आवश्यक है, लेकिन इसके साथ-साथ यह भी समझना चाहिए कि कई बार बाहरी कारक हमारी मेहनत के परिणाम को प्रभावित कर सकते हैं। इस प्रकार, ‘कर्मनाशा की हार’ केवल एक किसान की कहानी नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है कि किस प्रकार मानव जीवन की कठिनाइयाँ और कर्म दोनों ही उसके जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

Subscribe on YouTube - NotesWorld

For PDF copy of Solved Assignment

Any University Assignment Solution

WhatsApp - 9113311883 (Paid)

Tags

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Technology

close