महात्मा गांधी के विचार: मनुष्य और उसके विकास की प्रक्रिया
महात्मा गांधी का मानना था कि मनुष्य का वास्तविक विकास केवल भौतिक या बौद्धिक दृष्टि से नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और नैतिक दृष्टिकोण से भी होना चाहिए। उन्होंने मनुष्य के समग्र विकास पर जोर दिया और इसे समाज की सेवा और आत्मनिर्भरता के माध्यम से हासिल करने की बात की। उनके अनुसार, विकास का सबसे महत्वपूर्ण पहलू आत्म-निर्भरता, सत्य और अहिंसा का पालन था।
1. आध्यात्मिक और नैतिक विकास: महात्मा गांधी के अनुसार, मनुष्य का सर्वोत्तम विकास तब संभव है जब वह अपने भीतर सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों को आत्मसात करता है। उनका मानना था कि मनुष्य का आंतरिक विकास, जो आत्मज्ञान और सद्गुणों से संबंधित है, उसके बाहरी (भौतिक) विकास से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। सत्य और अहिंसा को अपने जीवन में उतारकर ही मनुष्य मानसिक शांति और संतुलन प्राप्त कर सकता है।
2. शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य: गांधी जी का मानना था कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। उनके अनुसार, शारीरिक स्वस्थता के साथ-साथ मानसिक विकास और शांति भी महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने हमेशा संतुलित आहार, योग, और शारीरिक श्रम के महत्व को स्वीकार किया और इस पर ध्यान दिया कि समाज के हर सदस्य को इस दिशा में प्रशिक्षित किया जाए।
3. स्वदेशी और आत्मनिर्भरता: महात्मा गांधी के विचारों में आत्मनिर्भरता का बहुत बड़ा स्थान था। उनका मानना था कि मनुष्य को अपने विकास के लिए केवल बाहरी दुनिया पर निर्भर नहीं रहना चाहिए, बल्कि उसे अपनी शक्तियों, संसाधनों और कौशल पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहिए। 'स्वदेशी' का उनका विचार न केवल आर्थिक विकास से जुड़ा था, बल्कि यह मानसिक और नैतिक स्वाधीनता का प्रतीक था।
4. समानता और सेवा: गांधी जी का मानना था कि सच्चे विकास के लिए समाज में समानता होनी चाहिए। वे चाहते थे कि सभी वर्गों और जातियों को समान अवसर मिले, और समाज में सभी का सम्मान किया जाए। उनका विचार था कि समाज के कमजोर वर्गों की सेवा करना मनुष्य का कर्तव्य है, और यही सच्चा विकास है।
इस प्रकार, महात्मा गांधी के अनुसार, मनुष्य का सही और पूर्ण विकास शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से संतुलित होना चाहिए। यह विकास केवल बाहरी सफलता और भौतिक संसाधनों से नहीं, बल्कि नैतिक सिद्धांतों और समाज सेवा के माध्यम से संभव है।
Subscribe on YouTube - NotesWorld
For PDF copy of Solved Assignment
Any University Assignment Solution