साक्षात्कार विधा में लेखक या पत्रकार किसी व्यक्ति से बातचीत के माध्यम से उसकी विचारधारा, अनुभव, ज्ञान, और जीवन की घटनाओं को उजागर करता है। साक्षात्कार का उद्देश्य व्यक्ति की निजी और पेशेवर जानकारी को जनमानस के सामने प्रस्तुत करना होता है, जिससे पाठक उस व्यक्ति के जीवन, सोच और दृष्टिकोण को समझ सके। इस विधा में संवाद शैली का प्रयोग होता है, जिसमें प्रश्न और उत्तर का आदान-प्रदान होता है, जिससे जानकारी को प्रभावशाली और सजीव तरीके से प्रस्तुत किया जा सके।
साक्षात्कार लेखन शैली की विशेषताएँ
- संवादात्मक शैली: साक्षात्कार में संवादात्मक शैली का प्रयोग होता है, जिससे पाठक को ऐसा लगता है कि वह खुद बातचीत का हिस्सा है। प्रश्न-उत्तर के स्वरूप में लेखन होने से इसमें प्राकृतिकता और सहजता आती है।
- स्पष्ट और संक्षिप्त भाषा: साक्षात्कार में प्रश्नों को स्पष्ट और संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत किया जाता है ताकि उत्तर देने वाला व्यक्ति विषय पर आसानी से अपने विचार प्रकट कर सके। भाषा में जटिलता नहीं होती, जिससे संवाद सजीव और सरल प्रतीत होता है।
- प्रासंगिकता: साक्षात्कार के प्रश्न प्रासंगिक और विषय के अनुरूप होते हैं, जिससे बातचीत का उद्देश्य स्पष्ट रहता है और विषय की गहराई में जाकर जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
- वैयक्तिकता: साक्षात्कार में उस व्यक्ति के व्यक्तित्व, अनुभवों और दृष्टिकोण को उभारने का प्रयास होता है, जिससे उसकी पहचान, विचारधारा, और जीवन की घटनाओं का बोध हो सके।
- स्पष्ट उद्देश्य: साक्षात्कार का एक निश्चित उद्देश्य होता है, जैसे— किसी की सफलता की कहानी, विचारधारा, या किसी विशेष विषय पर विशेषज्ञ की राय प्रस्तुत करना।
इस प्रकार, साक्षात्कार विधा में लेखन शैली का उद्देश्य व्यक्ति के विचारों और अनुभवों को रोचक और सजीव रूप में प्रस्तुत करना है, ताकि पाठक उस व्यक्ति को अधिक गहराई से समझ सके।
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