परिग्रहण रजिस्टर एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ होता है, जिसका उपयोग किसी भी संस्था, कार्यालय या संगठन में सामग्री या वस्तुओं की खरीदी, बिक्री और भंडारण की स्थिति को रिकॉर्ड करने के लिए किया जाता है। यह रजिस्टर सभी प्राप्त और वितरित माल, उपकरण, सामग्री या अन्य संसाधनों का लेखा-जोखा रखता है, ताकि संगठन को अपने भंडार की स्थिति और उपयोग के बारे में स्पष्ट जानकारी मिल सके।
परिग्रहण रजिस्टर के उद्देश्य
- संगठन की सामग्री का प्रबंधन: यह रजिस्टर संस्थान को यह समझने में मदद करता है कि कौन सी सामग्री आई है, कितनी आई है और कौन सी सामग्री कब और कितनी मात्रा में वितरित हुई है।
- आवश्यकता और आपूर्ति के बीच तालमेल: इस रजिस्टर के माध्यम से संस्थान को समय-समय पर यह पता चलता है कि कौन सी वस्तु समाप्त हो रही है और उसे फिर से खरीदने की आवश्यकता है।
- आर्थिक पारदर्शिता: यह रजिस्टर वित्तीय प्रबंधन में भी सहायक होता है, क्योंकि यह रजिस्टर यह दर्शाता है कि संगठन ने कौन सी वस्तु कब खरीदी और उसकी लागत कितनी थी।
- भंडारण की स्थिति का निरीक्षण: संस्थान को अपने भंडार की स्थिति और स्थान की जानकारी प्राप्त करने में यह रजिस्टर सहायक होता है। इससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि सामग्री का दुरुपयोग नहीं हो रहा है और उसका सही प्रकार से प्रबंधन किया जा रहा है।
परिग्रहण रजिस्टर में शामिल जानकारी
- सामग्री का नाम
- खरीदने की तिथि
- खरीदी गई वस्तु की मात्रा
- खरीदी गई वस्तु का मूल्य
- आपूर्तिकर्ता का नाम और पता
- वितरण की तिथि और मात्रा (यदि संबंधित हो)
- भंडारण स्थान
- अन्य प्रासंगिक टिप्पणियाँ
सारांश:
परिग्रहण रजिस्टर एक आवश्यक दस्तावेज है, जो किसी संगठन के भंडार प्रबंधन को सुव्यवस्थित रखने में मदद करता है। यह न केवल सामग्री के उपयोग और आपूर्ति को ट्रैक करने में सहायक होता है, बल्कि वित्तीय और प्रबंधन दृष्टिकोण से भी महत्त्वपूर्ण है।
Subscribe on YouTube - NotesWorld
For PDF copy of Solved Assignment
Any University Assignment Solution