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संगठनात्मक व्यवहार के निरंकुश और सहभागी मॉडल की विशेषताओं पर चर्चा करें।

संगठनात्मक व्यवहार (Organizational Behavior) के मॉडल यह समझने में मदद करते हैं कि संगठन कैसे काम करते हैं और इसमें शामिल लोग किस प्रकार से व्यवहार करते हैं। ये मॉडल संगठन में कर्मचारियों, प्रबंधकों और संगठनों के बीच संबंधों का प्रतिनिधित्व करते हैं और यह बताते हैं कि किस प्रकार की प्रबंधन शैली और नेतृत्व संगठन में अपनाई जाती है। इन मॉडलों का उपयोग प्रबंधक और नेता यह समझने के लिए करते हैं कि विभिन्न स्थितियों में कर्मचारियों से अधिकतम उत्पादन और संतुष्टि कैसे प्राप्त की जा सकती है।

इस संदर्भ में, निरंकुश (Autocratic) मॉडल और सहभागी (Participative) मॉडल संगठनात्मक व्यवहार के दो महत्वपूर्ण मॉडल हैं। इन दोनों मॉडलों में प्रबंधकीय दृष्टिकोण, निर्णय लेने की प्रक्रिया, कर्मचारियों की भूमिका, और संगठनात्मक ढांचे के संदर्भ में काफी भिन्नताएं होती हैं। चलिए इन दोनों मॉडलों की विशेषताओं पर विस्तृत चर्चा करते हैं।

1. निरंकुश मॉडल (Autocratic Model)

निरंकुश मॉडल संगठनात्मक व्यवहार का एक पुराना मॉडल है, जो पारंपरिक प्रबंधन सिद्धांतों पर आधारित है। इस मॉडल में सत्ता और अधिकार का मुख्य स्रोत प्रबंधक या नेता होता है। इसका मुख्य आधार यह है कि प्रबंधक संगठन के भीतर सर्वोच्च होता है और कर्मचारियों को उसके आदेशों का पालन करना होता है। इस मॉडल में कर्मचारी केवल आदेशों को निष्पादित करने के लिए होते हैं, और उन्हें निर्णय लेने में भागीदारी का अवसर नहीं मिलता।

निरंकुश मॉडल की मुख्य विशेषताएँ:

  1. केंद्रित शक्ति और अधिकार: इस मॉडल में सभी शक्ति और अधिकार प्रबंधक या नेता के पास होते हैं। निर्णय लेने की प्रक्रिया पूरी तरह से प्रबंधक के हाथों में होती है, और कर्मचारियों से अपेक्षा की जाती है कि वे इन निर्णयों का बिना सवाल किए पालन करें।
  2. कम सहभागिता: कर्मचारियों को निर्णय लेने की प्रक्रिया में भाग लेने का मौका नहीं मिलता। उन्हें केवल आदेश दिए जाते हैं और वे इन्हें लागू करने के लिए बाध्य होते हैं। यह मॉडल कर्मचारी की रचनात्मकता, नवाचार और पहल की भावना को सीमित करता है।
  3. डर और नियंत्रण: निरंकुश मॉडल में कर्मचारियों का व्यवहार अक्सर डर और अनुशासन के आधार पर नियंत्रित होता है। प्रबंधक कठोर अनुशासन लागू करता है, और कर्मचारी अपने नौकरी की सुरक्षा के डर से काम करते हैं।
  4. प्रेरणा का स्रोत: निरंकुश मॉडल में कर्मचारी की प्रेरणा का मुख्य स्रोत उनकी आर्थिक जरूरतें होती हैं। उन्हें वेतन और अन्य वित्तीय लाभ प्रदान किए जाते हैं, लेकिन उनके व्यक्तिगत विकास, मान्यता, या संतुष्टि पर ध्यान नहीं दिया जाता।
  5. न्यूनतम कर्मचारी संतुष्टि: इस मॉडल में कर्मचारी केवल अपने वेतन के लिए काम करते हैं, इसलिए उनकी संतुष्टि और मानसिक स्वास्थ्य का स्तर कम होता है। कर्मचारियों में आत्म-संतुष्टि और काम के प्रति प्रेरणा की कमी होती है।
  6. संघर्ष और तनाव: निरंकुश मॉडल में कर्मचारियों और प्रबंधकों के बीच तनाव और संघर्ष की संभावना अधिक होती है। चूंकि कर्मचारी केवल आदेशों का पालन करते हैं और उनकी आवाज़ नहीं सुनी जाती, इसलिए संगठन के भीतर संवाद की कमी और असहमति की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

उदाहरण:

प्रारंभिक औद्योगिक युग में इस मॉडल का व्यापक उपयोग होता था, जब प्रबंधक और मालिक कर्मचारियों को केवल मशीन की तरह काम करने के लिए देखते थे। उस समय प्रबंधक अपने कर्मचारियों को आदेश देते थे और कर्मचारियों को उन आदेशों का पालन करना पड़ता था। जैसे, प्रारंभिक फैक्ट्रियों में काम करने वाले श्रमिक केवल अपने निर्देशों का पालन करते थे और उन्हें अपने विचार या सुझाव देने का अवसर नहीं मिलता था।

हालांकि, आज के आधुनिक संगठनों में यह मॉडल अधिक कारगर नहीं माना जाता है, क्योंकि कर्मचारियों को उनके योगदान और विचारों के लिए अधिक महत्व दिया जाने लगा है। फिर भी, कुछ पारंपरिक या सख्त ढांचे वाले संगठनों में यह मॉडल अब भी देखा जा सकता है, विशेष रूप से उन संगठनों में जो कठोर अनुशासन और संरचना पर जोर देते हैं, जैसे सैन्य संगठन।

2. सहभागी मॉडल (Participative Model)

सहभागी मॉडल आधुनिक संगठनों में अधिक प्रचलित है और इसका मुख्य आधार यह है कि संगठन के सभी सदस्य, चाहे वे प्रबंधक हों या कर्मचारी, संगठन की सफलता में सक्रिय रूप से योगदान करते हैं। इस मॉडल में प्रबंधक और कर्मचारी दोनों को निर्णय लेने की प्रक्रिया में भाग लेने का अधिकार होता है। यह मॉडल सहयोग, संवाद, और पारदर्शिता पर आधारित है।

सहभागी मॉडल की मुख्य विशेषताएँ:

  1. साझा शक्ति और अधिकार: सहभागी मॉडल में सत्ता और अधिकार केवल प्रबंधक के पास नहीं होते, बल्कि निर्णय लेने की प्रक्रिया में सभी कर्मचारियों को भाग लेने का अवसर दिया जाता है। इसमें "शक्ति का विकेंद्रीकरण" (decentralization of power) होता है, जहाँ प्रबंधक कर्मचारियों के साथ मिलकर निर्णय लेते हैं।
  2. सक्रिय संवाद और विचार-विमर्श: इस मॉडल में संवाद और विचार-विमर्श को महत्वपूर्ण स्थान दिया जाता है। कर्मचारियों के विचारों और सुझावों को गंभीरता से लिया जाता है, और सभी लोग संगठन की नीतियों और प्रक्रियाओं में योगदान कर सकते हैं।
  3. उच्च प्रेरणा और संतुष्टि: सहभागी मॉडल में कर्मचारियों की प्रेरणा का स्तर अधिक होता है, क्योंकि वे खुद को संगठन के निर्णय लेने और सफलता में भागीदार मानते हैं। उन्हें काम में व्यक्तिगत स्वतंत्रता और सशक्तिकरण (empowerment) की अनुभूति होती है, जिससे उनका आत्मविश्वास और संतुष्टि बढ़ती है।
  4. टीमवर्क और सहयोग: इस मॉडल में टीमवर्क और सहयोग पर जोर दिया जाता है। सभी सदस्य अपने ज्ञान और अनुभव को साझा करते हैं, जिससे संगठन में नवाचार और रचनात्मकता को बढ़ावा मिलता है।
  5. उत्पादकता में वृद्धि: सहभागी मॉडल का प्रमुख लाभ यह है कि यह कर्मचारियों की उत्पादकता को बढ़ाता है। जब कर्मचारी निर्णय लेने में भाग लेते हैं, तो वे अधिक उत्साहित और जिम्मेदार महसूस करते हैं, और यह संगठन के समग्र प्रदर्शन को बढ़ाता है।
  6. समस्या समाधान और नवाचार: इस मॉडल में संगठन के भीतर समस्याओं को हल करने के लिए एक समावेशी दृष्टिकोण अपनाया जाता है, जहाँ सभी सदस्य समाधान के लिए अपने सुझाव दे सकते हैं। इससे संगठन में निरंतर सुधार और नवाचार को बढ़ावा मिलता है।

उदाहरण:

Google और Apple जैसी आधुनिक कंपनियाँ सहभागी मॉडल को अपनाती हैं, जहाँ कर्मचारियों को स्वतंत्रता दी जाती है कि वे अपने विचार प्रस्तुत करें और निर्णय लेने में भाग लें। ये कंपनियाँ नवाचार, रचनात्मकता, और टीमवर्क को प्रोत्साहित करती हैं, जिससे उनके कर्मचारियों की संतुष्टि और उत्पादकता बढ़ती है। इन संगठनों में प्रबंधकों और कर्मचारियों के बीच खुला संवाद होता है, और सभी लोग संगठन के लक्ष्यों और दृष्टिकोण में योगदान करते हैं।

निरंकुश और सहभागी मॉडल की तुलना

विशेषताएँनिरंकुश मॉडलसहभागी मॉडल
शक्ति का वितरणप्रबंधक के पास केंद्रितसभी सदस्यों के बीच वितरित
निर्णय लेने की प्रक्रियाकेवल प्रबंधक द्वारासभी कर्मचारियों की भागीदारी
प्रेरणा का स्रोतडर, नौकरी की सुरक्षाआत्म-संतुष्टि, सशक्तिकरण
संचारएकतरफा, शीर्ष से नीचेदो-तरफा, खुले संवाद
कर्मचारी संतुष्टिन्यूनतमउच्च
टीमवर्क और सहयोगसीमितउच्च
रचनात्मकता और नवाचारकमउच्च
संघर्ष की संभावनाअधिककम

निष्कर्ष:

निरंकुश और सहभागी मॉडल संगठनात्मक व्यवहार की दो अलग-अलग दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं। जहाँ निरंकुश मॉडल सत्ता और नियंत्रण पर आधारित है, वहीं सहभागी मॉडल सहयोग, संवाद, और सशक्तिकरण पर आधारित है। आधुनिक संगठनों में सहभागी मॉडल को अधिक महत्व दिया जा रहा है, क्योंकि यह कर्मचारियों की संतुष्टि, उत्पादकता, और नवाचार को बढ़ावा देता है। हालांकि, संगठन की प्रकृति और उद्देश्यों के आधार पर दोनों मॉडलों का उपयोग किया जा सकता है।

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