इकाई परीक्षण (Unit Testing) एक सॉफ़्टवेयर परीक्षण प्रक्रिया है, जिसमें सॉफ़्टवेयर प्रोग्राम के सबसे छोटे घटक या यूनिट्स का स्वतंत्र रूप से परीक्षण किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक यूनिट सही ढंग से काम कर रही है। सॉफ़्टवेयर विकास में, यूनिट सबसे छोटी कार्यशील इकाई हो सकती है, जैसे कि एक फ़ंक्शन, विधि (method), या क्लास।
इकाई परीक्षण के उद्देश्य:
- बग पहचान: विकास प्रक्रिया के शुरुआती चरण में ही बग्स की पहचान करने के लिए।
- क्वालिटी सुनिश्चित करना: यूनिट परीक्षण से यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि सॉफ़्टवेयर की छोटी-छोटी इकाइयाँ सही ढंग से कार्य कर रही हैं।
- लागत में कमी: अगर शुरुआती चरण में बग्स मिल जाते हैं तो उन्हें ठीक करने की लागत कम हो जाती है।
- कोड की पुन: उपयोगिता: अच्छी तरह से टेस्ट किया गया कोड आसानी से पुन: उपयोग किया जा सकता है।
इकाई परीक्षण कैसे किया जाता है:
- सबसे पहले, सॉफ़्टवेयर का एक हिस्सा या मॉड्यूल चुना जाता है, जिसे अलग किया जाता है और टेस्ट केस लिखे जाते हैं।
- हर टेस्ट केस में यह सुनिश्चित किया जाता है कि प्रोग्राम की यूनिट अपेक्षित इनपुट पर सही आउटपुट दे रही है या नहीं।
- परीक्षण के दौरान अगर कोई यूनिट सही आउटपुट नहीं देती, तो इसे ठीक करने के लिए डेवलपर द्वारा कोड में संशोधन किया जाता है।
इकाई परीक्षण के लाभ:
- समस्या की प्रारंभिक पहचान: विकास प्रक्रिया के शुरुआती चरण में ही समस्याओं की पहचान की जा सकती है।
- कोड की गुणवत्ता में सुधार: यूनिट परीक्षण से कोड की गुणवत्ता बढ़ती है क्योंकि इसमें छोटी-छोटी इकाइयों को टेस्ट किया जाता है।
- परिवर्तनों के बाद विश्वसनीयता: जब भी सॉफ़्टवेयर में कोई बदलाव किया जाता है, तो यूनिट टेस्ट यह सुनिश्चित करते हैं कि नया परिवर्तन मौजूदा कोड को प्रभावित न करे।
निष्कर्ष:
इकाई परीक्षण सॉफ़्टवेयर विकास में एक महत्वपूर्ण चरण है जो कोड की गुणवत्ता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने में सहायक होता है। यह न केवल विकास प्रक्रिया को सरल बनाता है बल्कि बग्स को जल्दी पकड़कर समय और लागत की बचत भी करता है।
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