अवधारणात्मक प्रक्रिया के घटक
अवधारणात्मक प्रक्रिया (Cognitive Process) एक मानसिक प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से हम अपने अनुभवों, विचारों और पर्यावरण को समझते हैं। यह प्रक्रिया कई घटकों से मिलकर बनती है, जो एक-दूसरे के साथ इंटरैक्ट करते हैं। आइए इन घटकों पर विस्तार से चर्चा करें:
- ग्रहण (Perception): ग्रहण वह पहला चरण है जिसमें हम अपने चारों ओर की जानकारी को अपने संवेदी अंगों (जैसे आंखें, कान) के माध्यम से प्राप्त करते हैं। यह प्रक्रिया उस सूचना को पहचानने और वर्गीकृत करने में मदद करती है, जो हमारे अनुभवों पर आधारित होती है। ग्रहण में संदर्भ और परिस्थितियों का भी महत्व होता है, क्योंकि यह हमारी जानकारी को आकार देता है।
- ध्यान (Attention): ग्रहण की गई जानकारी में से महत्वपूर्ण जानकारी पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है। ध्यान का स्तर इस बात पर निर्भर करता है कि व्यक्ति किस चीज़ पर ध्यान केंद्रित करना चाहता है। ध्यान की कमी से महत्वपूर्ण जानकारी छूट सकती है, जिससे निर्णय लेने में कठिनाई होती है।
- प्रसंस्करण (Processing): इस चरण में हम ग्रहण की गई जानकारी का विश्लेषण करते हैं। यह सोचने, समझने, और विचार करने की प्रक्रिया है। हम अपनी पूर्व ज्ञान और अनुभवों को संदर्भित करते हुए नई जानकारी को जोड़ते हैं, जिससे हम स्थिति को बेहतर ढंग से समझ पाते हैं।
- स्मृति (Memory): जानकारी को संग्रहित करने और आवश्यकतानुसार उसे पुनः प्राप्त करने की प्रक्रिया है। स्मृति का प्रभाव अवधारणात्मक प्रक्रिया में महत्वपूर्ण होता है। सही स्मृति से व्यक्ति अपने अनुभवों का उपयोग करके नए ज्ञान को समझ सकता है।
- निर्णय लेना (Decision Making): प्रसंस्करण के बाद, व्यक्ति इस जानकारी का मूल्यांकन करता है और निर्णय लेता है। यह चरण विचारों और विश्वासों को प्रभावित करता है। व्यक्ति विकल्पों का विश्लेषण करके एक निर्णय पर पहुँचता है।
- प्रतिक्रिया (Response): अंत में, व्यक्ति अपने निर्णय के आधार पर क्रिया या प्रतिक्रिया करता है। यह प्रतिक्रिया उस जानकारी पर आधारित होती है जिसे पहले ग्रहण किया गया था और उसके प्रसंस्करण के परिणामस्वरूप उत्पन्न होती है।
- पुनरावलोकन (Review): यह प्रक्रिया व्यक्ति को अपने अनुभवों और विचारों का पुनर्मूल्यांकन करने की अनुमति देती है। इस चरण में व्यक्ति सोचता है कि क्या उनकी प्रतिक्रिया सही थी, और इससे वे भविष्य में बेहतर निर्णय लेने में सक्षम हो सकते हैं।
इन सभी घटकों का समुचित कार्य एक प्रभावी अवधारणात्मक प्रक्रिया सुनिश्चित करता है, जिससे व्यक्ति अपने पर्यावरण को बेहतर ढंग से समझ पाता है और निर्णय लेने में सक्षम होता है। यह प्रक्रिया संगठनात्मक व्यवहार, प्रबंधन, और नेतृत्व में अत्यंत महत्वपूर्ण है।
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