स्थायी पर्यटन को एक समृद्धि और विकास के अद्यतित प्रसार के साथ संबंधित एक महत्वपूर्ण क्षेत्र माना जा सकता है। यह पर्यटन विकसित करने वाले क्षेत्रों को समृद्धि प्रदान करने का एक अद्वितीय तरीका है जिससे स्थानीय समुदायों को आर्थिक और सामाजिक लाभ होता है। इसे स्थायी पर्यटन इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसका प्रमुख उद्देश्य विकास को सुस्त रखकर स्थानीय सांस्कृतिक और प्राकृतिक संसाधनों का सुरक्षित रूप से उपयोग करना है ताकि आने वाली पीढ़ियों को भी इनका आनंद लेने का अवसर मिल सके।
स्थायी पर्यटन की परिभाषा समझने के लिए, हमें पहले पर्यटन शब्द को समझना होगा। पर्यटन एक ऐसी गतिविधि है जिसमें लोग अपने स्थानीय स्थानों से बाहर जाते हैं ताकि वे नई जगहों, सांस्कृतिक विविधता, और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकें। स्थायी पर्यटन इस पर्यटन के सिद्धांत को लेकर एक प्रगल्भ परिस्थिति का परिचय कराता है, जिसमें प्रमुख धाराएं समृद्धि, सामरिक समृद्धि, और पर्यावरणीय समृद्धि हैं।
स्थायी पर्यटन के मुख्य लक्षण:
- सामरिक समृद्धि: स्थायी पर्यटन का एक मुख्य लक्षण सामरिक समृद्धि है। इसमें स्थानीय समुदायों को आर्थिक और सामाजिक लाभ होता है। पर्यटकों के आगमन से होने वाले लाभों को स्थानीय व्यापार, हस्पताल, शिक्षा, और अन्य क्षेत्रों में साझा किया जाता है। इससे स्थानीय विकास को बढ़ावा मिलता है और समुदाय मजबूत होता है।
- आर्थिक समृद्धि: स्थायी पर्यटन से स्थानीय अर्थव्यवस्था में सुधार होता है। पर्यटन से आने वाले राजस्व का उचित रूप से प्रबंधन किया जाता है ताकि यह स्थानीय जनता के लाभ के लिए उपयुक्त हो सके। स्थानीय उत्पादों की प्रवृत्ति, हस्तशिल्प, और स्थानीय वस्त्रों को प्रमोट करने के लिए योजनाएं बनाई जाती हैं जो स्थानीय आर्थिक समृद्धि में सहारा प्रदान करती हैं।
- पर्यावरणीय समृद्धि: स्थायी पर्यटन का एक और महत्वपूर्ण दिशा है पर्यावरणीय समृद्धि। स्थानीय समुदायों और पर्यटकों के बीच सही तरीके से प्रबंधित पर्यावरण की देखभाल की जाती है। प्राकृतिक संसाधनों का सही तरीके से उपयोग करने और संरक्षित करने के लिए योजनाएं बनाई जाती हैं ताकि इनका इस्तेमाल आने वाली पीढ़ियों के लिए भी संभव हो सके।
स्थायी पर्यटन के उदाहरण:
- एको-टूरिज्म (Eco-Tourism): एको-टूरिज्म एक स्थायी पर्यटन का श्रेणी है जो प्राकृतिक समृद्धि और पर्यावरणीय संरक्षण को प्रमोट करती है। इसमें पर्यटकों को प्राकृतिक खूबसूरती का आनंद लेने का अवसर मिलता है और साथ ही स्थानीय समुदायों को आर्थिक लाभ होता है। एको-टूरिज्म का उदाहरण भारत में राजस्थान के रंगीन राजस्थान एकोजिकलैंड और केरल के घाती योजना हो सकता है।
- सांस्कृतिक पर्यटन: सांस्कृतिक पर्यटन एक और स्थायी पर्यटन का रूप है जो स्थानीय सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों को प्रमोट करता है। इसमें पर्यटकों को ऐतिहासिक महत्वपूर्ण स्थलों की यात्रा करने का अवसर मिलता है और साथ ही स्थानीय विरासत को बचाने का भी सुनहरा मौका होता है। इसका उदाहरण भारत में अजंता और एलोरा गुफाएं, खजुराहो और वाराणसी हो सकता है।
- ग्रामीण पर्यटन: ग्रामीण पर्यटन भी स्थायी पर्यटन का महत्वपूर्ण हिस्सा है जो गाँवों को समृद्धि में शामिल करने का उदाहरण है। इसमें पर्यटकों को गाँवों का असली जीवन और संस्कृति का अनुभव करने का मौका मिलता है, जिससे स्थानीय लोगों को आर्थिक लाभ होता है। भारत में राजस्थान के तम्भा, हिमाचल प्रदेश के संगला, और केरल के कुमाराकोम इस शैली के अच्छे उदाहरण हो सकते हैं।
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