बैलेंस शीट (Balance Sheet) एक वित्तीय दस्तावेज होता है जो किसी संगठन या व्यक्ति की वित्तीय स्थिति को प्रकट करता है। यह विवरण देता है कि संगठन की संपत्तियाँ (assets) और उसकी देयताएँ (liabilities) कैसे व्यवस्थित हैं, और इसका उपयोग वित्तीय स्वास्थ्य, सार्वजनिक परिसंपत्ति, और वित्तीय प्रबंधन का मूल्यांकन करने में होता है। बैलेंस शीट तीन मुख्य घटकों से मिलकर बनती है: परिसंपत्तियाँ, देयताएँ, और पूंजी निवेश (equity)।
1. परिसंपत्तियाँ (Assets): परिसंपत्तियाँ वो संपत्तियाँ होती हैं जो संगठन या व्यक्ति के पास हैं और जो उनकी आर्थिक मूल्य को प्रस्तुत करती हैं। परिसंपत्तियों को तीन वर्गों में व्यवस्थित किया जा सकता है:
- विधायिकृत परिसंपत्तियाँ (Current Assets): इनमें उस संगठन या व्यक्ति की सामग्री और संपत्तियाँ शामिल होती हैं जिन्हें अगले 12 महीनों के दौरान प्रयुक्त किया जा सकता है, जैसे कि नकद, बैंक में जमा की गई धनराशि, जीवन प्राप्ति पॉलिसी, खाद्य सामग्री, और अधिक।
- दिनांकीय परिसंपत्तियाँ (Fixed Assets): इनमें संगठन या व्यक्ति की स्थायी संपत्तियाँ शामिल होती हैं, जैसे कि ज़मीन, बिल्डिंग, मशीनरी, और वाहन।
- क्रियाशील परिसंपत्तियाँ (Intangible Assets): इनमें संगठन या व्यक्ति के पास नहीं जिन्हें छूना या देखना संभव होता है, जैसे कि ब्रांड मूल्य, पेटेंट, कॉपीराइट, और अधिक।
2. देयताएँ (Liabilities): देयताएँ वो वित्तीय दरें होती हैं जो उस संगठन या व्यक्ति को किसी और से चुकानी होती हैं। देयताएँ भी तीन वर्गों में व्यवस्थित की जा सकती हैं:
- विधायित देयताएँ (Current Liabilities): इनमें वह दरें शामिल होती हैं जो अगले 12 महीनों के दौरान चुकाई जानी होती हैं, जैसे कि विपणन उपाधि, वित्तीय ऋण, और विपणन क्रेडिट।
- दिनांकीय देयताएँ (Long-term Liabilities): इनमें संगठन या व्यक्ति की दी गई दरें शामिल होती हैं, जो वर्षों तक चुकानी होती हैं, जैसे कि वित्तीय ऋण, विपणन विपणि प्रतिस्थापन, और अधिक।
- क्रियाशील देयताएँ (Contingent Liabilities): इनमें दरें शामिल होती हैं जो किसी स्थिति के होने की संभावना होती है, लेकिन वास्तविक लियाबिलिटी केवल विशिष्ट परिस्थितियों में होती है, जैसे कि मुद्दों के खिलाफ न्यायिक मामले या निर्भरता गारंटी।
3. पूंजी निवेश (Equity): पूंजी निवेश संगठन या व्यक्ति के मालिकाने को प्रस्तुत करता है, और इसमें मालिकाने के लिए उपयुक्त संगठन या व्यक्ति के नाम से पूंजी निवेश की मूल राशि, लाभ, और घातक के लिए प्राप्त की गई कर भी शामिल होते हैं।
बैलेंस शीट का मुख्य उद्देश्य संगठन या व्यक्ति की वित्तीय स्थिति को प्रस्तुत करना है ताकि लोग यह समझ सकें कि उनकी संपत्तियाँ कितनी हैं, उनकी देयताएँ कितनी हैं, और उनकी पूंजी निवेश की मूल राशि क्या है। इसके अलावा, यह विशेष रूप से बैंकों, निवेशकों, और शेयरधारकों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे वित्तीय विवेचन और निवेश के फैसलों के लिए उपयोग किया जाता है।
बैलेंस शीट की बनावट संगठन और संविदान के आधार पर अलग-अलग हो सकती है, लेकिन इसका मुख्य उद्देश्य हमेशा यह होता है कि व्यक्ति या संगठन की वित्तीय स्थिति को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करना।
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